भूकंप के झटकों से हिला महाराष्ट्र

लोगों में अफरा-तफरी मची

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में मंगलवार (22 अक्टूबर) को भूकंप के झटके महसूस किए गए। आज सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर अचानक धरती हिलने लगी तो लोगों में अफरा तफरी मच गई। भूकंप का केंद्र 19.38 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 77.46 डिग्री पूर्वी देशांतर धरती के नीचे 5 किलोमीटर की गहराई में मिला है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.8 रही। जानकारी राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने दी।
क्या होता है रिक्टर स्केल?
भूकंप की तीव्रता नापने के लिए रिक्टर स्केल का इस्तेमाल किया जाता है। रिक्टर स्केल मूल रूप से भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए डिजाइन किया गया था। इसकी खोज अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्सा रिक्टेर और बेनो गुटरबर्ग ने 1935 में की थी। उनका सोचना था कि, भूकंप की तीव्रता को एक संख्या में व्यक्त किया जाना चाहिए ताकि इसकी तुलना अन्य भूकंपों से की जा सके।
आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?
भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।
कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।