ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी रूस रवाना

चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से कर सकते हैं मुलाकात

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार (22 अक्टूबर) दो दिवसीय दौरे पर रूस के कजान शहर रवाना हो गए हैं। इस बैठक के दौरान वे सदस्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। बता दें कि इस साल 16वीं ब्रिक्स समिट के अध्यक्षता की जिम्मेदारी रूस को सौंपी गई थी। इस सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल होंगे। संभावना जताई जा रही है कि पीएम मोदी और जिनपिंग नेताओं के बीच द्विपक्षीय मुलाकात हो सकती है।
रूस रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कही ये बात
रूस रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा- मैं ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूस के कजान जा रहा हूं। भारत ब्रिक्स को बहुत महत्व देता है और मैं वहां विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा की आशा करता हूं। मैं वहां विभिन्न नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं।
पीएम मोदी को पुतिन ने किया था आमंत्रित
16वें ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन रूस के कजान शहर में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर रूस में रहेंगे। उन्हें रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने आमंत्रित किया है। यहां प्रवासी भारतीयों ने भी पीएम मोदी के स्वागत के लिए भव्य तैयारियां की हैं। ब्रिक्स सम्मेलन से अलग भी पीएम मोदी रूसी राष्ट्रपति पुतिन से भी मुलाकात करेंगे।
ये है 22 अक्टूबर का प्लान
पीएम मोदी सुबह 7.00 बजे कजान, (रूस) के लिए रवाना हो चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक वह सुबह 10.25 कजान एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। कजान का स्थानीय समय (रूस््य) दिल्ली से 2 घंटे 30 मिनट पीछे है। इस आधार पर प्लानिंग में बदलाव भी हो सकते हैं।
पीएम मोदी जब होटल पहुंचेंगे तो वहां पर उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा, फिर दोपहर बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक होगी। शाम 4 बजे से शाम 06:30 के बजे के बीच (रूस््य) द्विपक्षीय बैठकों के दोनों सत्र होंगे।
इसके बाद कजान सिटी हॉल पहुंचने पर ब्रिक्स नेताओं के लिए स्वागत समारोह आयोजित होना है।
मोदी-जिनपिंग की मुलाकात
पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आखिरी मुलाकात 2022 में इंडोनेशिया के बाली में त्र20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के चलते यह मुलाकात अहम मानी जा रही है।