सीएम मान ने आढ़तियों के साथ की बैठक, मानी सभी मांगें
चंडीगढ़ : सीएम के आश्वासन के बाद पंजाब के आढ़तियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। अब मंगलवार से मंडियों में आढ़ती बासमती के साथ-साथ धान की अन्य किस्में भी उठाएंगे। सीएम ने आश्वासन दिया है कि अगर केंद्र आढ़तियों को 12 रुपये प्रति क्विंटल कम दी जा रही कमीशन का भुगतान नहीं करेगा, तो प्रदेश सरकार इसकी पूर्ति करेगी, ताकि आढ़तियों के साथ 1997 में तय 2.50 प्रतिशत कमीशन के भुगतान को सुनिश्चित किया जा सके।
दरअसल 2019-20 से भारत सरकार आढ़तियों को 46 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान कर रहा था, जबकि आढ़तियों को 2.50 प्रतिशत कमीशन के हिसाब से 58 रुपये प्रति क्विंटल बनता है। कमीशन में कटौती की वजह से आढ़ती एक अक्तूबर से हड़ताल पर थे। आढ़तियों की ओर से केवल बासमती उठाया जा रहा था, जबकि धान की अन्य किस्में मंडियों में ही थी। ऐसे में सीएम ने अब आढ़तियों के इस 12 रुपये प्रति क्विंटल कम मिल रहे कमीशन को केंद्र से दिलाने या सरकार की ओर से इसकी भरपाई करने का भरोसा दिया है। बैठक में फेडरेशन ऑफ आढ़ती एसोसिएशन ऑफ पंजाब के अध्यक्ष विजय कालड़ा के नेतृत्व में आढ़तियों का प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा।
आढ़तियों के ईपीएफ के 50 करोड़ का मुद्दा उठाएगी सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने कोई अनुचित कदम उठाया, तो आढ़तियों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाने से भी नहीं हिचकिचाएगी। उन्होंने कहा कि हर 50 दिन के बाद आढ़तियों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी, ताकि उनके मुद्दों का समाधान किया जा सके। सीएम मान ने कहा कि वह केंद्र सरकार के समक्ष आढ़तियों के ईपीएफ के लंबित 50 करोड़ रुपये की भुगतान का मुद्दा भी उठाएंगे। एसोसिएशन के प्रधान विजय कालड़ा ने बताया कि पंजाब में मंडियों में धान की ढुलाई करने वाले मजदूरों को प्रति बोरी 2.40 रुपये कम दिए जा रहे हैं, जबकि हरियाणा में मजदूरों को अच्छी मजदूरी दी जा रही है।
185 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य
राज्य सरकार की ओर से खरीद सीजन के दौरान किसानों की ओर से मंडियों में लाए जाने वाले 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि राज्य में इस समय 32 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल धान की खेती के अंतर्गत है और पंजाब का 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य है।