* दोनों अपहरणकर्ता पंजाब के रहने वाले
* करोड़ों रुपये किए जाने थे ट्रांसफर
* एयरपोर्ट को उड़ाने की धमकी भरा ई-मेल भी करवाया था
चंडीगढ़ : चंडीगढ़ पुलिस ने एक हैकर को किडनैपरों के चंगुल से छुड़वाया है। पुलिस ने दो अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने छह महीने से किडनैप महाराष्ट्र निवासी एथिकल हैकर मनीष भांगले को छुड़ा लिया है। पकड़े गए अपहरणकर्ताओं की पहचान रंजीत सिंह निवासी गुरदासपुर और रवि शर्मा निवासी होशियारपुर के रूप में हुई है। दोनों के खिलाफ सेक्टर-36 थाने में अपहरण सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
दोनों आरोपियों को अदालत में पेश कर पुलिस ने तीन दिन के रिमांड पर लिया है। अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटे मनीष भांगल ने 15 अगस्त को गो एयर इंडिया फ्लाइट व अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी के मामले में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मनीष का कहना है कि अपहरणकर्ताओं ने ही उनसे धमकी भरा ई-मेल करवाया था।
पुलिस के मुताबिक, बीते मंगलवार शाम करीब साढ़े सात बजे सेक्टर-36 थाना पुलिस फ्रेगरेंस गार्डन के नजदीक गश्त कर रही थी। इस दौरान दिल्ली नंबर की सिल्वर रंग की एक स्विफ्ट डिजायर कार पर पुलिस की नजर पड़ी। कार की पिछली सीट पर बैठा एक व्यक्ति लगातार शीशा खटखटा रहा था। शक होने पर पुलिस वहां पहुंची तो चालक कार लेकर भागने लगा। पुलिस ने पीछा शुरू किया। कार आईएसबीटी-43 के पास यातायात में फंस गई। पुलिस ने कार को घेर लिया और उसमें बैठे युवकों को हिरासत में लेकर सेक्टर-36 थाने पहुंची। थाने पर शीशा खटखटाने वाले व्यक्ति ने अपना नाम मनीष भांगले निवासी एच नंबर-1320, राक पार्क, एमजे कॉलेज के पीछे, जिला जलगांव (महाराष्ट्र) बताया। वहीं, कार सवार युवकों की पहचान रणजीत सिंह निवासी गांव मार्चोवाल तहसील बटाला गुरदासपुर और रवि शर्मा निवासी-66 वार्ड नंबर-6 सरहाला रोड गाड़ीवाला, जिला होशियारपुर के रूप में हुई। आरोपी रणजीत सिंह पर धोखाधड़ी और जालसाजी के कुल नौ मामले दर्ज हैं, जिनमें अमृतसर में पांच, लुधियाना में एक, शिमला में दो और सोलन (हिमाचल प्रदेश) में एक मामले में वह भगोड़ा घोषित हो चुका है। पुलिस ने अब इनके खिलाफ सेक्टर-36 थाने में बीएनएस एक्ट 140 (3),140 (4), 308 (4), 61 (2), 3 (5) के तहत केस दर्ज किया है। मामले में अन्य आरोपियों की तलाश के लिए भी छापेमारी की जा रही है।
करोड़ों की ठगी का प्लान बनाया था अपहरणकर्ताओं ने
मनीष ने बताया कि वह एक एथिकल हैकर है और उसे अप्रैल 2024 में व्हाट्सएप के जरिए लखनऊ में रहने वाले लवप्रीत ने अमृतसर में डेटा स्क्रैप संबंधित काम करने के लिए संपर्क किया था। इसके बाद आरोपी रणजीत की मनीष से बात हुई और 26 अप्रैल को उसने उसकी मुंबई से अमृतसर की फ्लाइट टिकट बुक कर उसे अपने पास बुला लिया। अमृतसर पहुंचने पर आरोपियों ने उन्हें बंधक बना लिया और कई बैंकों के खातों से करोड़ों की रकम अपने खातों में ट्रांसफर करने का दबाव बनाने लगे। मना करने पर उनसे मारपीट की गई और बात नहीं मानने पर जान से मारने की धमकी दी गई। बताया कि आरोपी उसे लेकर लगातार पंजाब में अपना ठिकाना बदलते रहे।
मनीष के मुताबिक, आरोपियों के पास 40 से 50 ऐसे बैंक खाते थे जिनमें करोड़ों रुपये की राशि जमा थी और यही पैसा वह उनके जरिए अपने खातों में ट्रांसफर करवाना चाहते थे। बीते 15 सितंबर को आरोपी उन्हें नयागांव के एक होटल में लेकर आए और अलग-अलग स्थानों पर उनके द्वारा दिए गए अन्य व्यक्तियों के खातों से पैसे ट्रांसफर करवाए। मनीष ने बताया कि जब भी आरोपी उनसे लैपटॉप पर काम करवाते तो साथ बैठे रहते। उन्होंने कई बार पुलिस की मदद के लिए 112 नंबर पर कॉल की लेकिन जब तक मदद के लिए पहुंची और उन्हें फोन किया तो किडनैपरों को पता चल गया और उन्हें बुरी तरह पीटा गया। मनीष ने अपने हाथों पर रस्सी बांधने के निशान भी दिखाए।
हैकर मनीष ने किए कई खुलासे
हैकर ने बताया कि 14 अगस्त को आरोपियों ने उनसे अमृतसर एयरपोर्ट अथॉरिटी को श्री गुरु रामदास जी एयरपोर्ट व गो एयर इंडिया की फ्लाइट में बम होने संबंधी धमकी भरा ई-मेल भी करवाया था। अमृतसर में इस संबंध में केस दर्ज हुआ था और पंजाब पुलिस ने मामले में फिरोजपुर निवासी गुरुदेव भुल्लर व विक्रमजीत सिंह नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था। एफआईआर में हैकर मनीष को भी आरोपी बनाया गया है। हैकर मनीष के इस खुलासे की तस्दीक चंडीगढ़ पुलिस ने अमृतसर पुलिस से कराई।