101 किसानों का समूह राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ेगा!

पंजाब : किसानों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी सहित कई मांगों को लेकर शनिवार को अपना ‘दिल्ली चलो’ पैदल मार्च फिर से शुरू करने की तैयारी कर ली है। पैदल मार्च में राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने वाले 101 किसानों का एक समूह शामिल होगा। विरोध प्रदर्शन को अब तक 10 महीने पूरे हो चुके हैं।
सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर बढऩे के उनके प्रयासों को रोकने के बाद 13 फरवरी से किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।
विरोध प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किया जा रहा है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने दिल्ली की ओर मार्च करने के फैसले की घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसानों ने एकजुटता व्यक्त करने और आंदोलन की सफलता के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए सिख तीर्थस्थल पर प्रार्थना की है।
इस बीच, खनौरी सीमा पर 18 दिनों से अधिक समय से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की तबीयत काफी बिगड़ गई है। उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने वजन कम होने और अस्थिर रक्तचाप की सूचना दी है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को दल्लेवाल के लिए चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा कि आंदोलन से ज्यादा उनकी जान महत्वपूर्ण है। साथ ही कोर्ट ने सुझाव दिया कि किसान गांधीवादी तरीके अपनाकर विरोध प्रदर्शन करें। किसानों के पैदल मार्च को देखते हुए घग्गर नाले पर अंतरराज्यीय सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, केंद्रीय अर्धसैनिक बल और हरियाणा पुलिस तैनात की गई है।
इससे पहले जब किसान दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश कर रहे थे, तो सुरक्षा बलों ने उन्हें बैरिकेड पार करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। उनकी आवाजाही को रोकने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने कड़ी सुरक्षा के साथ अस्थायी बैरिकेड लगाए थे।